शेयर मार्किट के फायदे और नुकसान 


शेयर मार्किट के फायदे और नुकसान 

अगर आप भी शेयर मार्किट में निवेश करने के बारे में सोच रहे है तो निवेश करने से पहले आपको शेयर मार्किट के फायदे और नुकसान के बारे में पता होना चाहिए। 

तो आप इस पोस्ट के माध्यम से शेयर मार्किट के फायदे और नुकसान के बारे में आसानी से समझ जायेंगे। 




शेयर मार्केट के फायदे

शेयर मार्किट में फायदे निम्न प्रकार से होते है- 

  1. अत्यधिक लाभ 
  2. लिक्विडिटी 
  3. कंपनी में हिस्सेदारी 
  4. महंगाई की मार से बचना 
  5. डिविडेंड के रूप में  
अत्यधिक लाभ- शेयर मार्किट में निवेश करने पर अन्य निवेश की तुलना में कम समय में बहुत अधिक फायदा मिल जाता है जैसे- कई अन्य जगह पर निवेश करने पर मात्र 7% से 9% तक ही रीटर्न मिल पता है वही शेयर मार्किट में निवेश करने पर सालाना एवरेज 15% तक या उससे भी ज्यादा रीटर्न मिल जाता है। 

लिक्विडिटी- शेयर मार्किट में लिक्विडिटी बहुत ज्यादा होती है यानि की निवेश किये गए रुपयों को बहुत जल्द कॅश में लाया जा सकता है। कुछ ही मिनटों में शेयर को खरीदा और बेचा जा सकता हैं।और अन्य जगह पर निवेश करने पर कुछ समय की सीमा होती है कि आपको इतने समय तक निवेश करना ही होगा लेकिन शेयर मार्किट में आप जब चाहे शेयर मार्किट से बाहर आ सकते है। 

कंपनी में हिस्सेदारी- शेयर मार्किट में लिस्टेड कंपनियों के शेयर खरीदने पर आपको अपने शेयर के अनुसार कंपनी में मलिकाना हक मिलता है यानि आप कंपनी में मालिक होते हो, चाहे आपके पास एक ही शेयर हो। कंपनी के शेयर खरीदने पर आपको कंपनी की मीटिंग में जाने का और किसी विषय पर अपने मत देने का अधिकार मिलता है।


महंगाई की मार से बचना- शेयर मार्किट में निवेश करके महंगाई को भी हराया जा सकता है हर साल एवरेज 7.5% की दर से महंगाई बढ़ती है और शेयर मार्किट की एवरेज रिटर्न 15% है। इस प्रकार से शेयर मार्किट में निवेश करके महंगाई से भी बचा जा सकता है।

डिविडेंड के रूप में- शेयर मार्किट में जिन कंपनियों के शेयर खरीदते है उन कंपनियों को फायदा होने पर कंपनी अपने शेयर होल्डर को डिविडेंड भी देती है और कभी-कभी डिविडेंड के रूप में कंपनी के फ्री शेयर भी मिलते है। 

शेयर मार्किट में फायदे अन्य प्रकार से भी हो सकते है।


शेयर मार्केट के नुकसान

शेयर मार्किट में नुकसान निम्न प्रकार से होते है- 

  1. रिस्क 
  2. शेयर होल्डर को अंतिम भुगतान 
  3. समय की प्रतिबद्धता
  4. सीमित नियंत्रण
रिस्क- शेयर मार्किट एक अस्थिर मार्किट है मार्किट में समय-समय पर तेजी और मंदी आती रहती है इसलिए यह मार्किट बहुत ही रिस्की है शेयर मार्किट में जितना ज्यादा फायदा होता है उतना ही नुकसान की सम्भावना बना रही है। लेकिन शेयर मार्किट में सही जानकारी और सही नॉलेज से रिस्क को कम भी किया जा सकता है।

शेयर होल्डर को अंतिम भुगतान- निवेशक के पास जिस कंपनी के शेयर होते है यदि वह कंपनी भविष्य में बंद होती है तो शेयर होल्डर को उसके पैसे सबसे आखिर में मिलते है। 

समय की प्रतिबद्धता- शेयर मार्किट में निवेश सही समय पर करना बहुत जरुरी है मार्किट में कब कौन से शेयर खरीदने है और कब कौन से शेयर बेचने है यह जानकारी होना बहुत जरुरी है। और यह जानकारी सबके पास नहीं होती है शेयर मार्किट की जानकारी को एकत्रित करने में बहुत समय लगता है

सीमित नियंत्रण- शेयर का प्राइस ऊपर जाना है या नीचे। यह शेयर होल्डर कंट्रोल नहीं कर सकते है उसके पास सिमित नियंत्रण ही होता है।  

यदि आप अपना डीमैट अकाउंट खुलवानां चाहते है तो दिए गए लिंक से खुलवा सकते है 


उम्मीद करते है की आपको यह पोस्ट शेयर मार्किट के फायदे और नुकसान पसंद आयी होगी। यदि आपका कोई भी प्रश्न है या कुछ पूछना चाहते है तो आप कमेंट कर सकते है।